आज सुबह, 13 जून 2025 को, इज़राइल और ईरान के बीच तनाव एक नए और खतरनाक मुकाम पर पहुंच गया, जब इज़राइल ने ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों पर एक बेहद सटीक और योजनाबद्ध हवाई हमला किया। इस हमले को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया है, और इसे हाल के वर्षों का सबसे बड़ा सैन्य एक्शन माना जा रहा है।
✈️ हमले का दायरा और असर
इज़राइली वायुसेना के करीब 200 लड़ाकू विमानों ने ईरान के 100 से अधिक रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें नतांज का परमाणु संयंत्र, तेहरान के निकटवर्ती सैन्य अड्डे, और कई मिसाइल निर्माण इकाइयाँ शामिल थीं। इस हमले का मकसद ईरान के कथित परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकना और उसकी सैन्य ताक़त को कमज़ोर करना था।
🕯️ बड़ी हानि की पुष्टि
ईरान की सरकारी मीडिया ने इस हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के वरिष्ठ अधिकारी हुसैन सलामी, सैन्य प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी, और दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों फरिदून अब्बासी-दवानी व डॉ. मोहम्मद तेहरांची की मौत की पुष्टि की है। यह ईरान के सैन्य नेतृत्व के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
🚨 जवाबी प्रतिक्रिया और सुरक्षा अलर्ट
हमले के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलें इज़राइल की ओर दागीं। इज़राइल ने देशभर में आपातकाल की घोषणा की, राजधानी तेल अवीव और बेन गुरियन एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं, ईरान ने भी अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया है।
🌍 वैश्विक प्रतिक्रिया
इस सैन्य टकराव के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस हमले में शामिल नहीं था, लेकिन अपने क्षेत्रीय सहयोगियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है। उधर, तेल की कीमतों में एक बार फिर तेज़ी आई है, जिससे वैश्विक बाज़ारों में चिंता देखी जा रही है।
🗣️ नेतन्याहू का बयान
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “एक रक्षात्मक कार्रवाई” बताया और कहा कि यह हमला “हमारे नागरिकों और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए था।” उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की।