योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश कर रचा इतिहास, सात लाख करोड़ से ज्यादा का किया बजट पेशI

योगी सरकार ने यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश कर इतिहास रच दिया हैं, वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट है। बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड 71 लाख रुपये (7,36,437.71 करोड़ रुपये) है। योगी सरकार ने अब तक के इतिहास में सबसे भारी-भरकम बजट पेश करके 2024 के लोकसभा चुनावी की सियासी जंग को फतह करने की रूपरेखा तय कर दी है. योगी सरकार ने नौजवानों से लेकर किसानों और महिलाओं के साथ-साथ अपने मूल एजेंडे हिंदुत्व और अपने शहरी कोर वोटबैंक को साधे रखने की कवायद की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये बजट आस्था, अंत्योदय व विकास के लिए है। उन्होंने कहा कि यह बजट समग्र विकास की अवधारणा के साथ प्रभु श्रीराम को समर्पित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है। खास बात है कि हमने जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया है और इसके बावजूद प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। हमने राजकोषीय संतुलन बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्घता और ईमानदारी से काम किया है।

यूपी बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने की खास कोशिश की गई है। प्रदेश के कई शहरों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए धन का आवंटन किया गया है। खन्ना ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक के मार्ग के विस्तारीकरण/सौन्दर्यीकरण के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में 4 से 5 गुना वृद्धि हुई है। जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के दृष्टिगत पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुंच मार्गों का चैड़ीकरण/सौन्दर्यीकरण का कार्य एवं 6 स्थानों पर पार्किग तथा जन सुविधाओं का विकास कार्य किया जा रहा है। गौरतलब हो कि इस बार योगी सरकार ने 7.36 लाख करोड़ से ज्यादा बजट पेश किया है। इसमें 24 हजार करोड़ की नई योजनाएं हैं। बजट में संत रविदास शिक्षा सहायता योजना एवं मेधावी छात्र पुरस्कार योजना को एकीकृत करते हुए नई योजना ‘संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना’ कर दिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत माह नवम्बर, 2023 तक 1,86,270 छात्र छात्राओं को लाभ हुआ तथा लगभग 58 करोड़ 46 लाख रुपये की धनराशि व्यय की गई। निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण एवं उद्देश्यपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक मण्डल में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं जिसकी कुल निर्माण लागत 1267 करोड़ रुपये है।