📰 ऑपरेशन सिंदूर की गूंज: वीर सैनिकों के सम्मान में देहरादून में हुआ ‘एक संवाद’, मुख्यमंत्री धामी ने की कई अहम घोषणाएं 🇮🇳

देहरादून के गढ़ीकैंट इलाके में शुक्रवार का दिन देशभक्ति की भावना से सराबोर रहा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ‘एक संवाद: वीर सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम में शामिल हुए। यह आयोजन भारतीय सेना द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता को समर्पित था।

मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ कहा, “हमारे जांबाज़ सैनिकों ने जो शौर्य, बलिदान और अडिग समर्पण दिखाया, वह आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अब सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित करने जा रही है, जिसकी ज़िम्मेदारी सैनिक कल्याण विभाग को दी गई है।

🔥 ऑपरेशन सिंदूर: जवाब नहीं, करारा पलटवार

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जब निर्दोष पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ, तो पूरे देश में आक्रोश फैल गया। लेकिन सिर्फ गुस्से से काम नहीं चलता — 7 मई को भारत की सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत दुश्मनों को उनके ही घर में घुसकर सबक सिखाया। 9 बड़े आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया और 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह स्पष्ट संदेश है कि भारत की बेटियों के सिंदूर की ओर आँख उठाने वालों को क्या अंजाम भुगतना पड़ता है।”

💪 मोदी के नेतृत्व में भारत बना है और मजबूत

धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यह निर्णायक कार्रवाई उनके मजबूत इरादों और स्पष्ट नीति का नतीजा है। “हमारी सेनाओं को अब न केवल अत्याधुनिक हथियार मिल रहे हैं, बल्कि उनका मनोबल भी पहले से कहीं ज्यादा ऊंचा है,” उन्होंने कहा।

प्रधानमंत्री के सख्त फैसलों में शामिल हैं — सिंधु जल संधि को रद्द करना और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रास्ते बंद करना। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा, “ट्रेड और टेरर साथ नहीं चल सकते।”

🛡️ सैनिकों और शहीदों के परिवारों के लिए ऐतिहासिक फैसले

मुख्यमंत्री ने सैनिकों के हित में राज्य सरकार द्वारा लिए गए अनेक फैसलों की जानकारी दी:

  • शहीदों के परिवारों को मिलने वाली आर्थिक मदद ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख की गई।

  • वीरता पुरस्कार विजेताओं को मिलने वाली एकमुश्त और वार्षिक राशि में वृद्धि।

  • शहीद परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की समयसीमा 2 साल से बढ़ाकर 5 साल की गई।

  • पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा, और ₹25 लाख की संपत्ति खरीद पर 25% स्टाम्प ड्यूटी में छूट।

  • देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

🌄 उत्तराखंड: वीरों की भूमि

कार्यक्रम में मौजूद सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा, “उत्तराखंड न सिर्फ देवभूमि है, बल्कि वीरों की भूमि भी है। देश की हर पांचवीं वर्दी इस राज्य के बेटे पहनते हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा, “अब भारत डरता नहीं, आतंक के अड्डों में घुसकर सफाया करना जानता है।”

इस भावुक और गर्व से भरे कार्यक्रम में देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक संगठन, और कई सम्मानित वीर उपस्थित रहे — जिनमें ले. जनरल ए.के. सिंह, रियर एडमिरल ओ.पी.एस. राणा, एअर मार्शल डी.एस. रावत, और मेजर जनरल नीरज वर्मा समेत अनेक गणमान्य लोग शामिल थे।