🌞 उत्तराखंड में सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की ओर: महिलाएं बनेंगी ‘सौर सखी’ 🌿

उत्तराखंड सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई पहल की है, जिसके तहत मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी महिलाओं को अब ‘सौर सखी’ के नाम से जाना जाएगा। इस कदम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।

गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘मुख्य सेवक संवाद’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजना के विकासकर्ताओं के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विकासखंडों में विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जहां लोगों को सौर प्लांटों के रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य में 250 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य पहले ही पूरा किया जा चुका है, और अब इसे और विस्तार देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा न केवल असीमित है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है, और वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की है, जिसके तहत वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सोलर क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। रूफटॉप सोलर प्लांट्स को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सब्सिडी प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 20 से 200 किलोवाट तक की परियोजनाओं पर 20 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग और दिव्यांगजनों को 5 प्रतिशत का अतिरिक्त अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।

इस योजना के अंतर्गत संयंत्र स्थापित करने के लिए ऋण पर 4 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है, और यूपीसीएल द्वारा पावर परचेज एग्रीमेंट के माध्यम से 25 वर्षों का अनुबंध कर बिजली खरीद की गारंटी भी सुनिश्चित की गई है। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए आवेदन से लेकर आवंटन तक की व्यवस्थाओं को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरल, सुलभ और दक्ष बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। राज्य सरकार द्वारा पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया गया है, जबकि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड ने स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम किया है।

संवाद के दौरान उत्तरकाशी के शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना पर्वतीय क्षेत्रों के लिए काफी फायदेमंद है, जिससे बंजर भूमि का सदुपयोग हो रहा है। चमोली के विकास मोहन ने सुझाव दिया कि इस योजना का प्रचार विकासखंड स्तर तक होना चाहिए, ताकि अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। पौड़ी की रूपा रानी ने कहा कि महिला शक्ति को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा क्षेत्र में योजनाएं बनाई जानी चाहिए। चम्पावत के केतन भारद्वाज ने सोलर प्लांटों के रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू, प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, और प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी भी उपस्थित थे।