देहरादून के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के नेतृत्व को “स्वर्णिम और प्रेरणादायक कालखंड” बताते हुए देश और दुनियाभर के लिए एक मिसाल बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने विकसित भारत के संकल्प को न केवल देश के भीतर, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी प्रभावशाली ढंग से रखा है। इसका असर देश के हर कोने में दिखाई दे रहा है, खासकर पर्वतीय राज्यों जैसे उत्तराखंड में विकास की रफ्तार अब पहले से कहीं तेज़ हो चुकी है।
पर्यटन की नयी उड़ान 🌏✈️
धामी ने कहा कि उत्तराखंड अब विश्वभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है। यहां के अनगिनत प्राकृतिक और आध्यात्मिक डेस्टिनेशन दुनियाभर के यात्रियों को खींच रहे हैं। राज्य सरकार भी इस बढ़ते रुझान को लेकर पूरी तरह से तैयार है और योजनाओं को योजनाबद्ध तरीके से अमल में ला रही है।
पर्वतीय राज्यों के लिए अलग मानक ज़रूरी 🏞️
नीति आयोग की हालिया बैठक का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने ज़ोर दिया कि पर्वतीय राज्यों की भिन्न भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए अलग नीतियाँ और मानक बनाए जाने चाहिएं। साथ ही, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार ‘फ्लोटिंग पॉपुलेशन’ यानी अस्थायी रूप से रहने वाली आबादी को भी योजनाओं में शामिल कर रही है।
इकोलॉजी और इकोनॉमी का संतुलन ♻️💹
धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘गंगा पुत्र’ कहते हुए यह बताया कि उन्होंने “मुखवा से शीतकालीन यात्रा” की परंपरा को पुनर्जीवित करके न केवल राज्य की आध्यात्मिक पहचान को प्रोत्साहन दिया, बल्कि पर्यटन को भी नया आयाम दिया।
भू-माफियाओं पर शिकंजा, निवेशकों को राहत 🛑🏗️
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि राज्य में भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त भू-कानून लागू किए गए हैं ताकि देवभूमि की असल पहचान बरकरार रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
UCC लागू कर उत्तराखंड बना अग्रणी राज्य ⚖️
धामी ने यह गर्व से बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है – एक ऐसा कदम जो समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय है।
प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने की तैयारी 🚨
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्राकृतिक आपदाओं के दुष्प्रभाव को न्यूनतम किया जाए। अतिक्रमण पर कठोर कार्रवाई करते हुए धामी सरकार ने यह तय कर लिया है कि देवभूमि की डेमोग्राफी और सांस्कृतिक संरचना से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।