📰 हरिद्वार की पुण्यभूमि पर मुख्यमंत्री धामी का भावुक संबोधन, साध्वी ऋतम्भरा के सेवा कार्यों को बताया समाज की नई आशा

हरिद्वार की शांत घाटियों में रविवार को आध्यात्म और सेवा की अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वात्सल्य गंगा आश्रय’ का लोकार्पण किया। यह आश्रय साध्वी ऋतम्भरा द्वारा संचालित एक ऐसी पहल है, जहां निराश्रित बेटियों को नया जीवन, नई दिशा और आत्मसम्मान से जीने का हक मिल रहा है।

🚩मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण कथा में भाग लिया और साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए मां गंगा की आराधना भी की। इस अवसर पर उन्होंने पूरे उत्तराखंड के सुख और समृद्धि की कामना की।

🙏 साध्वी ऋतम्भरा के प्रकल्पों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “उनका कार्य जितना सराहा जाए उतना कम है। उनका संकल्प न केवल बेटियों को संबल दे रहा है, बल्कि समाज में करुणा और पुनर्निर्माण का संदेश भी दे रहा है।” उन्होंने इसे समाजसेवा की प्रेरणादायक मिसाल करार दिया।

🗣️ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में विकास की एक नई धारा बह रही है। समान नागरिक संहिता को उन्होंने उत्तराखंड की गंगोत्री बताया, जो आने वाले समय में पूरे देश को प्रभावित करेगी। “जिस तरह मां गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश को जीवन देती है, वैसे ही UCC का लाभ भी राष्ट्रव्यापी होगा,” उन्होंने कहा।

🚧 विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि केदारनाथ धाम का भव्य पुनर्निर्माण, गंगा और शारदा कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस वर्ष चारधाम यात्रा में अब तक 18 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। वहीं, दिल्ली-देहरादून एलीवेटेड रोड का काम भी लगभग पूरा हो चुका है, जिससे यह सफर अब महज़ ढाई घंटे में तय होगा।

🛡️ मुख्यमंत्री ने प्रदेश की संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षा को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी मानसिकताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। “देवभूमि की आत्मा को सुरक्षित रखना हमारा नैतिक दायित्व है,” उन्होंने स्पष्ट किया।

🛕 इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उपस्थित रहीं। उन्होंने उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी के कार्य दिल्ली के लिए प्रेरणा हैं। “हम मां यमुना को गंगा जैसा निर्मल बनाना चाहते हैं, यह मेरा प्रण है जिसे मैंने मां गंगा के चरणों में दोहराया,” उन्होंने कहा।

🎉 कार्यक्रम में साध्वी ऋतम्भरा, परमानन्द गिरी, आचार्य बालकृष्ण, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्रपुरी समेत अनेक संत, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और श्रद्धालु उपस्थित रहे।