दिल्ली में सीएम धामी की दमदार पैरवी, ऊर्जा और आवास योजनाओं के लिए मांगी हज़ारों करोड़ की मदद
दिल्ली/देहरादून, 17 जून 2025
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर राज्य के लिए कई अहम परियोजनाओं को लेकर मजबूत पैरवी की। मुख्यमंत्री ने राज्य के पहाड़ी और दूरस्थ इलाकों की ज़मीनी ज़रूरतों को रखते हुए करीब 8800 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता मांगी।
👉 ऋषिकेश-हरिद्वार क्षेत्र में बिजली लाइनें जाएंगी ज़मीन के नीचे
सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री से ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे तीर्थ क्षेत्रों में बिजली की लाइनों को भूमिगत और स्वचालित करने का विशेष आग्रह किया, ताकि न सिर्फ शहर की सुंदरता बनी रहे बल्कि सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।
⚡ ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुमाऊं और अपर यमुना क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए 4000 करोड़ रुपये और पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के लिए 3800 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग की आवश्यकता है। इन योजनाओं से राज्य की ऊर्जा क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी और स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे।
🏗️ पिटकुल की दो परियोजनाओं के लिए 100% अनुदान की मांग
सीएम धामी ने पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड (PSDF) के तहत राज्य की दो बड़ी विद्युत परियोजनाओं के लिए DPR को मंज़ूरी देने का अनुरोध किया। इन योजनाओं की कुल लागत करीब 1007.82 करोड़ रुपये है और राज्य सरकार चाहती है कि इन्हें शत-प्रतिशत अनुदान पर मंज़ूरी मिले।
🏘️ PM आवास योजना (शहरी) में ज़मीनी हकीकत की बात
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की मौजूदा चुनौतियों की ओर खींचा। उन्होंने बताया कि निजी भूमि पर बन रही परियोजनाओं को अगर सरकारी भूमि की तरह चरणबद्ध सहायता मिले (जैसे 40:40:20 मॉडल), तो निर्माण कार्य की रफ्तार तेज़ होगी।
💸 ईडब्ल्यूएस वर्ग को ऋण मिलना आसान हो
सीएम ने बैंकों, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने की मांग की, ताकि EWS श्रेणी के लोगों को ऋण आसानी से मिल सके और वे अपने सपनों का घर बना सकें।
🚆 आरआरटीएस को हरिद्वार तक बढ़ाने की वकालत
मुख्यमंत्री ने मेरठ के मोदीपुरम से चल रहे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को हरिद्वार तक विस्तारित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों तक आवागमन सुगम होगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी।
🌄 यह मुलाकात उत्तराखंड के बुनियादी ढांचे को एक नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है, बशर्ते केंद्र सरकार इन प्रस्तावों को गंभीरता से ले और ज़रूरी मदद प्रदान करे।